रिपोर्ट:शाश्वत सिंह
झांसी: झांसी अपने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. हिंदू मुस्लिम एकता के यहां अनेकों उदाहरण मिलते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है रानी लक्ष्मीबाई द्वारा स्थापित की गई ताजिया की कहानी. जी हां, मुहर्रम के पवित्र महीने में झांसी में एक ताजिया रानी लक्ष्मीबाई के नाम की भी होती है. इस ताजिया को स्थापित भी लक्ष्मीबाई द्वारा ही किया गया था. 1851 में इस ताजिया को रानी लक्ष्मीबाई ने शुरू किया गया था. उन्होंने इसकी जिम्मेदारी मौलाना वकस को सौंपी थीं. आज 171 साल बाद भी मौलाना वकस के खानदान द्वारा इस परंपरा को जारी रखा गया है.
रानी ने किया था ताजिया स्थापित
वर्तमान समय में इस ताजिया को मौलाना वकस के वंशज रशीद मियां तैयार करते हैं. रशीद मियां ने बताया कि जब महाराजा गंगाधार राव और महारानी लक्ष्मीबाई के पुत्र गंगाधर राव का जन्म हुआ उसके बाद उन्होंने इस ताजिया की स्थापना करवाई थी.इस ताजिया को तैयार करने वालों में शामिल शमीम खान ने बताया कि महारानी लक्ष्मीबाई ने रानी महल में इस ताजिया को स्थापित किया था.उनके देहांत के बाद जब अंग्रेजों का झांसी पर कब्जा हुआ तो उन्होंने इस ताजिया पर रोक लगाने का प्रयास किया.लेकिन, उस समय भी मौलाना वकस के वंशजों ने यह ताजिया बनाई. इसके बाद यह ताजिया लगातार बनाई जाती है.आज भी झांसी शहर में जो भी ताजिया तैयार की जाती है, वह सभी सबसे पहले रानी लक्ष्मीबाई के ताजिया को सलामी देने आते हैं.
क्या होता है ताजिया
वर्तमान में शहर कोतवाल इस ताजिया का संरक्षक होता है. गौरतलब है कि, मोहर्रम महीने के 10वें दिन ताजिया जुलूस निकाली जाती है. ताजिया इराक में बनें ईमाम हुसैन के दरगाह की कॉपी है.ताजिया बनाने की शुरुआत भी भारत से ही हुई है.उस समय के बादशाह तैमूर लंग ने इमाम हुसैन की दरगाह की नकल बनवाई और उसे ताजिया का नाम दिया. इसके माध्यम से इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत को याद किया जाता है. शमीम खान ने बताया कि मोहर्रम का चांद निकलने के पहले दिन के साथ ही ताजिया रखने का सिलसिला शुरू हो जाता है.10वें दिन सभी ताजिया को दफनाया जाता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Jhansi news, Uttar pradesh news
FIRST PUBLISHED : August 06, 2022, 12:20 IST